"ये कोई ऐसा वो पल है"

ये कोई ऐसा वो पल है,
घर पर है लेकिन सुकून नही है ,
रुख कुछ युह बदला है,
सुबह शाम वहीं है लेकिन एहसास अलग है।

ये कोई ऐसा वो पल है,
खौफनाक रातों में कोई बेचैनी है,
दौर ने कुछ यु बदला अपना मिज़ाज,
काफिलो पे प्रतिबंध, अर्थ है ठेहरा ।

ये कोई ऐसा वो पल है,
बेपरवाह है जान के, अनंत है कोशिश जिनकी,
शुक्रिया है उनका जो वादो पे कायम है,
वक्त का ये सितम है गेहरा,
फिर भी ये हौसला ना हारेगा,
ये मेरा जहान है,
वोह जित के ही लौटेगा।

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