"दास्तान ये इश्क की "

मैं जींदगी कहुँ, तुम सोहबत समझ लेना;
मैं नशा कहुँ, तुम मुस्कान समझ लेना;
मैं शायरी लिखूं, तुम प्यार समझ लेना।

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