सपनें !

बेशक, सपने पुरे करना मुश्किल है,

पर ज्यादा मुश्किल तो सपने देखना है।

अपनो की सहमति, उपलब्ध साधन, समाज की सीमाए

और इन सब मे 

अपनी काबिलीयत और ख्वाहिशौ के योग्य एक निर्णय लेना|

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